आज हम सभी अपनी हेल्थ को लेकर सतर्क हैं। स्वस्थ और संतुलित आहार में सभी प्रकार की सब्जियां, फल, अनाज, दालें और मांसाहार शामिल होते हैं। तीखी चीजों से लेकर ऑयली फ़ूड हम सबको बहुत लुभाता है। पर ज्यादा ऑइल यानी ज्यादा फैट और फिर बहुत सारी बीमारियाँ। इन सभी से बचने के लिए एक सप्लिमेंट बन सकता है ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मिलता है फिश ऑइल और अन्य कई चीजोँ से। फिश ऑयल यानि मछली का तेल दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है।इसमें अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ विटामिन ए और डी होते हैं। विटामिन ए अच्छी स्किन और हड्डियों को मजबूत करता है और विटामिन डी से आँखों की रोशनी अच्छी होती है। मछली के तेल के फायदे वजन घटाने और स्वस्थ गर्भावस्था में सहायता करने के लिए जाने जाते हैं। यह विभिन्न समस्याओं जैसे हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल, चिंता, कैंसर मधुमेह, सूजन और अल्सर जैसी बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमेंद होता है।लेकिन शाकाहारी व्यक्ति मछली नहीं खा सकता। मछली का सेवन प्रमुख रूप से मछली के तेल के फायदे के लिए ही किया जाता है। इसलिए शाकाहारी व्यक्ति मछली के तेल के कैप्सूल के फायदे उठा सकता है जो की बाजार में आसानी से मिल जाते है।
1. हृदय रोग मछली के तेल में ओमेगा 3 होने के कारण हम हृदय संबंधी रोगों से बच सकते हैं। यह हमारे रक्त में एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करके एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में मदद करता है। जब हम मछली के तेल का नियमित रूप से सेवन करते हैं तब हृदयघात की संभावना कम होती है।मछली के तेल में ओमेगा 3 ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा-3 हमारी रक्त वाहिकाओं को फैलाता है जिससे हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
2. मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोग मनुष्य का मस्तिष्क लगभग 60 % वसा से बना होता है और इस वसा में ओमेगा-3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में होता है। इसलिए ओमेगा-3 सामान्य मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। वास्तव में कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कुछ मानसिक विकार वाले लोगों के खून में ओमेगा-3 का स्तर कम होता है। इसका नियंत्रित मात्रा में सेवन करने से यह मनोवैज्ञानिक विकारों के खतरों को दूर करने में सहायता करते हैं।
3. त्वचा के लिए त्वचा का ख्याल हम सभी रखते है क्यूंकि त्वचा के बिना हमारा शरीर कुछ भी नहीं है। मछली के तेल में DHA और EPA एसिड होते है। जो हमारी त्वचा का सौन्दर्य बढ़ाते है इसके साथ ही त्वचा को कई बीमारियों से बचाता है। मछली के तेल के फायदे सोरायसिस, खुजली, त्वचा की लाली, त्वचा के चकते और त्वचा घावों को ठीक करने के लिए उपयोगी होते हैं। सोरायसिस के मामले में मछली के तेल में मौजूद ईपीए आरेचिडोनिक एसिड का उत्पादन करके प्रो-इन्फ्लामेट्री एजेंटों के विकास को रोकते हैं। इसलिए सोरायसिस से राहत पाने के लिए मछली के तेल को भी प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. आँखों की रोशनी के लिए जब हम फिश ऑयल का सेवन करते हैं, तब हमारी आँखों की मांसपेशियां मजबूत होती है और साथ ही आँखों की रोशनी तेज हो जाती है। इसके साथ ही यह फोकस करने की क्षमता बढाने में भी मददगार साबित होता है।मछली के तेल में दो ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते है। जिन्हे डोकसाहेसाइनोस एसिड (DHA)और एक्सपेंटाइनोस एसिड (EPA)कहा जाता है। कई अध्ययनों से पता चला है की ओमेगा-3 फैटी एसिड आँख की मैक्युला का व्यपजनन और आँख सिंड्रोम से बचाने में मदद करता है।
5. हड्डियों के लिए मछली का तेल हमारी हड्डियों को मजबूत करता है। साथ ही यह बोन डेंसिटी को भी बढ़ाता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों मो मौजूद मिनरल्स को नियंत्रित करता है जिससे हड्डिया मजबूत होती है।
6. वेट लॉस जब आप फिश ऑयल के इस्तेमाल के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करते हो और अपने आहार में बदलाव लाते हो तब आपका वजन जल्दी कम हो जाता है। फिश ऑयल का सेवन करने से शरीर में जमा हुआ फैट पिघलने लगता है। जिसके कारण आपका वजन कम होने लगता है। अगर सही डाइट और फिजिकल वर्कआउट के साथ रोजाना मछली का तेल या इसके कैप्सूल लिए जाये तो आपका वज़न तेजी से कम होने लग जायेगा।
7. प्रेगनेंसी प्रेगनेंसी में जब महिला मछली के तेल का सेवन करती हैं, तो बच्चे के दिमाग और आँखों के विकास में लाभ होता है। ऐसा इसमें मौजूद डीएचए के कारण होता है। इसके साथ यह बच्चे के अंगोँ के विकास में भी सहायक होता है।गर्भवती महिलाओं के लिए यह इस लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि यह समय से पहले जन्म (premature births), कम जन्म वजन (low birth weight) और गर्भापात से बचने में भी मदद करता है।