स्टेरॉयड्स से बॉडी कुछ टाइम के लिए बनती है मगर बाद मे ..

स्टेरॉयड्स से बॉडी कुछ टाइम के लिए बनती है मगर बाद मे ..

डोपिंग यानि कि अनावश्यक दवाईयों या ड्रगज़ का सेवन जिससे शरीर की परफौरमैँस कुछ देर के लिए बढ़ती है और पीछे छोड़ जाती है अनगिनत न ठीक होने वाले नुक्सान । आज के इस जवलनशील विषय को मददेनजर रखते हुए मैं कुछ सत्य पाठकों के साथ बाँटना चाहता हूँ ताकि आम आदमी जिसे अपनी सेहत बनाने का शौक है या खिलाडी जिसे अपनी परफॉरमेंस बढ़ाने को धुन है ऐसे न निकलने वाले चक में न फंस जाएं हैं, जिससे आपका पैसा , सेहत तथा नाम को नुक्सान हो ।

कुछ सत्य:- 1 ) स्टेरॉयड का सेवन अगर हम (16-17 साल को उम्र से पहले करें तो हहिड़यों में विकार उत्पन्न हो जाता है जिसके
फलस्वरूप वो शरीर को लम्बाई न देकर चौड़ाई की तरफ़ ले जाती है । यह प्रभाव 2 0 - 2 5 … 3 0 की उम्र में नहीं मिलता । यह प्रभाव मारी
जिन्दगी साथ रहताहै ।

2 ) स्टीरायड लेने से शरीर में कुछ देर के लिए नाईंट्रोजन बैलेंस बढ़ता है जिससे मांसपेशियों में ज्यादा प्रोटीन ( अमीनो ऐसिड ) व पानी इक्कठे होते हैं और मांसपेशियों क्रो फुलाते हैं । यह प्रभाव किसी भी उम्र में मिल सकता है । 1 5 - 3 0 वर्ष की उम्र में यह प्रभाव कुछ तेजी से आता है और जैसे ही इस स्टीरायड को छोड़ते है तो प्रभाव तेजी से वापिस चला जाता है और पीछे छोड़ जाते हैं कभी न ठीक होने वाली साईड इफैवटस ।
इस उम्र में जबकि हमारी कुदतरी हार्मोंनल फलो चम्र सीमा पर होता है और जैसे ही हम स्टीरायड जैसे पदार्थ गोलियों या टीकों को शकल में लेते हैं तो यह हमारा कुदरती हार्मोनल फ्लो हिल जाता है और शरीर में विभिन्न विकार उत्पन्न हो जाते हैं जो कई बार सारी जिन्दगी साथ चलते हैं । अब सोचने वाली बात यह है कि एक फायदा जिसकी वजह से मांसपेशियों में कुछ देर के लिए तनाव, ताकत, साईज तथा आकार बढ़ता है जो बाद में कुछ ही दिनों में खत्म हो जाता है और पीछे रह जाती हैं हमारी पंगू पाचन क्रिया, कब्ज़, कमजोर गुर्दे, बढा हुआ हाई कौलेस्ट्रग्रल , छोटा कद, दुखते जोड़ व् लिगामेंट, दिमागी असंतुलन, लीवर समस्या, उच्च रक्तचाप, निपुसंगता, एक्स वाई क्रोमोसोम असंतुलन, बदबूदार सांसें व फिंसियों भरी चमडी आदि विभिन्न अनगिनत न ठीक होने बाले विकार ।

3 ) स्टीरायड अरार हम (45 - 8 0 + की आयु में दें तो यह सब ऊपरी फायदे मिलते हैं जिसको वजह से बूढे लोग स्टीरायड लेने की वजह से
अपने- आप को कुछ देर के लिए ताकतवर महसूस करते हैं वह अच्छेबैलेंस व मसल टीचिंग के साथ कुछ समय के लिए बढिया महसूस करत्ते
हैं । परंतु जैसे ही दो इनका सेवन बन्द करते हैं यह सब फायदे धीरे- धीरे खत्म हो जाते हैं और 6-9 महीने खाद फिर दोबारा डॉक्टर के पास
जाकर उन्हें दोबारा लेने का प्रयास करते हैं । अगर डॉक्टर ठीक चाहे तो वह उनकी सेहत के हिसाब से ऐनाबालिक स्टीरायड का कोर्स
करवाते हैं । कुछ ऐसी बीमारियां भी है जिनमें ऐनम्बालिकस का कोर्स करवाया जाता है ।

4) कोई भी पढा लिखा डॉक्टर या पढा लिखा ट्रेनर अपने कम उम के मरीजों व खिलाडियों को कभी भी एनाबोलिक स्टीरायड नहीं देगा
क्योकि वो जानता है कि यह जो फायदे उन्हें मिलने वाले हैं यह बिल्कुल अस्थाई है और जो नुक्सान मिलने वाले हैं वो स्थाई है ।

5 ) ओरल स्टीरायड हमारे शरीर में 3 - ६ महीने तक पाए जा सकते हैं जबकि इनजैवटेबल स्टीरायड हमारे शरीर में एक से दो साल तक पाए
जा सकते हैं इसी कारण कई बार अनजान या शातिर दिमाग वाला खिलाडी डोप टेस्टिंग में पकडा जाता है । ओरल या इनजैक्टेबल
स्टीरायड जिनका पाजिटिव असर ड्रग छोड़ने पर शरीर में मात्र 1 0 से 2 0 दिन तक रहता है और नेगेटिव असर कई सालों तक या सदा के लिए
रह सकता है । परंतु रक्त में या पिशाब में इनके कण 6महीने से लेकर 2 साल तक रह सकते हैं | मैं तो यह कहूँगा की उन लोगो का दिमाग खराब
ही होगा जो दस दिन के फायदा लेने के बाद अपने आप डोपिंग के साये तले फसाए रहते है बहुत से कोचिज़ सीनियर एथलीट, केमिस्ट, सड़कछाप डॉक्टर
अपने बिना आधार के तथय देते हैं की फलां - फलां टिके या गोलियां लेने से डोप के असर ज्यादा देर तक रहेगा और शरीर से जल्दी से जल्दी निकल जायेगा |
ऐसे लोग यम के सीधे दूत हैं जो आपको जल्दी कबर की तरफ ले जाने में सहायक होते हैं |

6 ) कहाँ मिलता है स्टीरायड :- बिना डॉक्टर की पर्ची से धड़ले बिक रहा केमिस्टों के पास, बहुत से सप्लीमेंट जो जयादा कमीशन देते हैं उनमे पूरक
न्यूट्रीशनल माइक्रो तथा मैक्रो तत्वों के बिना स्टीरायड युक्त होते है, नकली इम्पोर्टेड सप्लीमेंट जो देखने में और सवाद में १०० प्रतिशत नकली नोटों की तरह असली लगते है स्टीरायड युक्त होते हैं| स्टीरायड एक सस्ती दवाई हैं जिसे सप्लीमेंट में डालकर डुप्लीकेट, बिना एड्रेस के, बिना बिल के, बिना रजिस्टर्ड
डीलरों के जयादा डिस्काउंट पर घर घर जा कर सप्लाई किया जाता हैं ज्यादातर कोच अपने खिलाड़ियों को ऐसे सप्लीमेंट देते सयम खूब कमीशन कहते हैं|

7 ) अपनी सेहत बचने के लिए ठीक व्यायाम, आराम तथा खुराक ही अचूक नुस्खा हैं | अगर इन दिनों में कहीं न कहीं चूक हो जाये तो आपकी परफॉरमेंस कभी भी नहीं बाद सकती | इंसान की असाधारण योग्यतायें मेहनत के बल पर ही बढ़ती हैं न की इन उपरोक्त दिए छोटे छोटे हथकंडों से |

RELATED ARTICLES

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Please note, comments must be approved before they are published