प्रोटीन्स, फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, पानी, मिनिरल्स तथा विटामिन्स हमारे शरीर की विभिन् जरूरतें है| यह सब मांसपेशियां, ताकत, स्टैमिना जैसे खेलों में अति आवश्यक है शरीर के सभी अंगों को प्रफुलित करने के लिए इन तत्वों का होना अति आवश्यक है| प्रोटीन व एमिनो एसिड मान्स्पेशिओं के लिए अति आवश्यक है| व्यायाम के बाद मान्स्पेशिओ को दोबारा ताकत से काम करने के लिए इन सभी की जरूरत रहती है| जबकि कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, शरीर को ऊर्जा शक्ति प्रदान करते हैं| बिना कार्ब्स के शरीर निर्जीव बेजान हो सकता है|
जिस प्रकार एक सौ किलो ग्राम भरी मोटरसाइकिल कुछ वर्षों में हजारों लीटर पेट्रोल खपत कर लेती है उसी प्रकार हमारा शरीर जीवन काल में बेहिसाब कार्ब्स तथा फैट प्रयोग कर लेता है| प्रोटीन तो हमारे शरीर में खप जाता है जबकि कार्ब्स व् फैट ऊर्जा उत्पन करने के लिए प्रयोग में आ जाती है| अगर हम जरूरत से कम मात्रा में इन तत्वों का प्रयोग करेंगे तो शरीर में कोई न कोई चोट तथा थकावट तथा कमजोरी महसूस होगी इसलिए हमें सभी तत्वों के संतुलन बनाये रखना है| पानी भी अपने आप में एक जरुरी तत्व है जो शरीर का तापमान संतुलित रखता है तथा शारीरिक क्रियायों के दौरान उत्पन हुई गंदगी व अन्य वेस्ट तत्वों को पसीने, मूत्र व साँस द्वारा बाहर निकालता है|
खुराक के अन्य माइक्रो तत्व जैसे की विटामिन्स, मिनिरल्स, स्टेमुलेंट, कार्मिनेटिव तथा डाइजेस्टेन्ट ऐसे तत्व हैं जो हमारे शरीर उपरोक्त दिए मैक्रो तत्वों को शरीर में पूरी तरह से उपयोग होने में सहायक होते हैं|
सप्लीमेंट कुदरती खुराक पर ही आधारित होते हैं जैसे की दूध से हमें वेह प्रोटीन, केसीन, लैक्टोस, माखन, घी, बटर मिल्क, विटामिन डी, ए, इ, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे तत्व मिलते हैं, विभिन अनाज जैसे की गेहूं, मक्की, बाजरा, चावल आदि से प्रोटीन, स्टार्च, ग्लूकोस, माल्टोडेक्सट्रिन, वेजिटेबल तेल, विटामिन, मिनिरल आदि तत्व मिलते हैं| ऐसी प्रकार विभिन्न, नट्स व् बीजों से प्रोटीन, स्टार्च, वेजिटेबल तेल, विटामिन, मिनिरल आदि तत्व मिलते हैं| इसी प्रकार विभिन्न नॉन वेज खाद्य सामग्री से जिन में विभिन्न जीव जंतु जैसे के दूधाधारी जानवर, रिंगने वाले जानवर, उड़ने वाले जानवर, पानी में रहने वाले जीव जंतु यह सब में प्रोटीन, फैट्स, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनिरल आदि तत्व मिलते हैं|
सप्लीमेंट इन सभी उपरोक्त दिए गए खाद्य पदार्थों से वैज्ञानिक ढंग से हल्की आंच और आइसोलेशन तरीके से कुदारी तत्वों के रूप व् असर को बिना ख़राब किये बनाये जाते हैं| जैसे के पनीर बनाते समय वे पानी को सुखा लिया जाए तो वो कोई केमिकल नहीं बन जाता परन्तु वो दूध का ही एक अंश मात्र होते है इसी प्रकार कुदरती खाद्य तत्वों से वैज्ञानिक तरीकों से वो काम के खाद्य अंश अलग करके सप्लीमेंट के रूप में प्रयोग किये जाते हैं|
इसलिए जब भी आप कोई विश्वस्निये सप्लीमेंट खाएं तो यही सोचें के यह कोई केमिकल ड्रग नहीं है अपितु यह सब कुदारी खुराक एक अलग रूप से है|