आम तौर पर लोग ये सोचते है की जो लोग कम्पीटीशन में कॉस्ट्यूम डाल कर मसल्स का प्रदर्शन करते है वही बॉडी बिल्डर है, ये गलत है। मैं तो यही कहूँगा की हर आदमी जो अपनी सेहत का ध्यान रखता है, अच्छा खाता है ,अच्छी तरह कोई न कोई व्यायाम करता है वो बॉडी बिल्डर है. हर आदमी के पास मसल्स है और बॉडी है। अपने शरीर को निरोग रखना और तंदरुस्त रखना अपने आप में एक कला है। जिस प्रकार एक कलाकार केनवस पर कला का प्रदर्शन करता है उसी प्रकार बॉडी बिल्डर जिम में जाकर अपनी बॉडी बनाता हे। जिम में डंबल, वेट ,रोड एक तरह के ब्रश है और बॉडी कैनवस। पूरी मेहनत और लगन के साथ एक कलाकार की तरह पूरी कला को निखार दिया जाता है । कुदरत ने हर आदमी को एक जैसा शरीर दिया है परन्तु बनावट अलग अलग दी है। कोई एंडोमोर्फिक , एक्टोमॉटफिक तथा मेसोमोर्फिक शरीर से कुदरती तौर पर बनावट में होते हे। शरीर के बॉडी टाइप पर आधारित विभिन्न तरीको से व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम के साथ साथ खुराक का भी उतना ही महत्व है जितना आराम का। खुराक में कार्बन्ज़, प्रोटीन तथा फैट्स का बराबर का महत्व हे। प्रोटीन मांसपेशिया बनाते है, कार्बन्ज़ शक्ति देते है तथा फैट्स ऊर्जा का स्टोर है। इन तीनो का मिश्रण शरीर को तंदरुस्त , ताकतवर और मजबूत करने में सहायक है। जरूरत से ज्यादा कोई भी तत्व शरीर को नुक्सान पहुंचाता है। आम तौर पर लोग प्रोटीन को ही खुराक मानते है परन्तु ऐसा नहीं है। अकेला प्रोटीन लेने से मसल्स तो शायद न बने परन्तु शरीर में विभिन्न विकार उत्पन हो सकते है। जरूरत से ज्यादा प्रोटीन हमारे गुर्दो और दूसरे मेटाबॉिलिक गतिविधियों को खराब कर सकता है।
डॉ रणधीर हस्तीर