पिछले कुछ समय से बॉडीबिल्डिंग क्षेत्र में ये गर्म विषय बना हुआ है कि मान्स्पेशिओं के ज्यादा बड़े आकर व् दर्शको की प्रसंसा ज्यादा एवंल है या की शारीरिक सुंदरता,अनुपात व् सुगठित मांसपेशियां ज्यादा बढियां है | मेरा अभिप्राय पिछले कुछ वर्षो से अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डर्स अमरीका के काई ग्रीन और अमरीका के ही फिल हीथ में चल रही स्पर्धा व् कम्पटीशन है |
मुझे इस बात का श्रेय प्राप्त है की मैंने इन दोनों सुपरबॉडीबिल्डर्स को पहले और दूसरे शेरू क्लासिक में प्रो जज की हैसियत से परखा है | दोनों बार फिल हीथ के लिए काई ग्रीन को आसान तरीके से मात देना एक अपने आप में बढ़िया पर्द्शन रहा है | काई ग्रीन पहले से और हर बार लगातार अपने सत्र को बड़ा रहा और उसको बढ़ाने के लिए अपनी हार से भी सिखने की क्षमता है | मुझे याद है मुंबई में शेरू क्लासिक की जजमेंट के बाद काई ग्रीन स्टेज के एक कोने में अपने रिकॉर्ड किये गए कैमरे में अपने और फिल की मांसपेशियां का जायजा ले रहा था |
काई ग्रीन के पास दुनिया के सब से बढियां बॉडीबिल्डर्स को काटने की क्षमता है | परन्तु उसके पास कुदरती शारीरिक जेनेटिक की थोड़ी कमी है जैसे की उसकी गर्दन का छोटा होना धड़ का टांगों की लम्बाई के अनुपात से छोटा होना व् बाजु के अनुपात का शारीरिक अनुपात से विभिन्न होना हैं | यह सब काई ग्रीन के अपने बस में नही है परन्तु फिर भी वो दुनियां का नंबर 1 बॉडीबिल्डिंग लीजेंड है व अथाह दर्शको का प्रेम आधार है | काई ग्रीन के पिछले वर्षो में लगातार शरीरक विकास के हिसाब से उसे वो स्वर्ण स्थान प्राप्त नही हो सका, मगर वो दुनिया के हर बॉडीबिल्डर को पिछाड्ने की क्षमता रखता है. परन्तु फिल हीथ एक ऐसा बॉडीबिल्डर जो उसकी पहुंच से लगातार बाहर ही रहा है कियोंकि फिल को मासपेशियों का भरपूर कुदरती खज़ाना मिला है और साथ में देविये शरीरक संतुलन मिला है जिसकी वजह से उसकी बढ़त को कोई पछाड़ नही पता i उसका जीतने का अनुभव शरीरक सुध्रता उसका मूलमंतर है|
आने वाले दिनों में हमे इन दोनों माँसल पहाडनुमा खिलाड़ियों का संघर्ष देखने को मिलेगा और हम इनकी अथा शरीरक क्षमता को देखेगे |