अगर आप बॉडीबिल्डिंग कर रहे है और जिम भी जाते है तो आपको जरूर पता होगा की वर्कआउट और डाइट के इलावा एक और चीज है जो हमारी प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वो है सप्लीमेंट्स। सप्लीमेंट्स आपके शरीर की अतिरिक्त जरूरतों को पूरा करते है जो हम हमारे सामान्य खान पान से नहीं कर पाते है। क्रेटिन पाउडर एक ऐसा सप्लीमेंट है जो आज बॉडीबिल्डर्स में बहुत ही पॉपुलर है। क्रेटिन ऐसी चीज है जिसे हमारी बॉडी में एनर्जी की तरह इस्तेमाल करती है। क्रेटिन आपको सिर्फ वेट लिफ्टिंग की परफॉरमेंस को नहीं बढ़ता बल्कि आपको लम्बे समय तक एनर्जी प्रदान करता है तांकि आप थकावट महसूस न करे।
क्रेटिन क्या है ?
क्रेटिन तीन एमिनो एसिड्स से मिल कर बना होता है, वो तीन एमिनो एसिड्स है ग्लाइसिन (glycine), आर्जिनाइन (arginine) और मेथिओनीन (methionine)। क्रेटिन और उसकी कार्यप्रणाली बिल्कुल अलग है। यह आपको अतिरिक्त उर्जा देता है, अतिरिक्त भार उठाने में मदद करता है और वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
क्रेटिन काम कैसे करता है?
क्रेटिन अपने आप शरीर में एमिनो एसिड्स से बनता है, या इसे क्रेटिन सप्लीमेंट से शरीर में भेजा जाता है जब यह शरीर में जाता है तो खून के जरिए मांशपेशियो तक पहुँच जाता है और क्रेटिन फॉस्फेट बनाता है।जब वर्कआउट करते है तो शरीर को उर्जा की जरुरत पड़ती है, यह उर्जा ATP (Adenosine triphosphate) से मिलती है। क्रेटिन से स्ट्रेंथ और ताकत दोनों मिलती है इसीलिए आप वर्कआउट कर पाते है। इससे मसल्स भरे भरे दिखते और महसूस होते हैं।
प्रोटीन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने की क्षमता भी बढ जाती है। हालांकि क्रेटीन खुद साइज नहीं बढाता। ये साइज बढाने में मदद करता है। जब आप क्रेटीन लेना बंद करेंगे तो आपके मसल्स से पानी निकल जाएगा और उसका साइज वो रह जाएगा जो आपने ट्रेनिंग और खाने से बनाया है। आपका वजन भी कम हो सकता है।
क्रेटीन कितनी मात्रा में लेना चाहिए?
क्रेटीन कितना लिया जाए और किस तरह से उसका पता लगाया जाए कि कितनी मात्रा में हमें क्रेटीन चाहिए। आमतौर पर 2-5 ग्राम क्रेटीन रोज लेना सही है, इससे ज्यादा लेना भी वही परिणाम देगा जो 2-5 ग्राम क्रेटीन देता है। लगभग सभी कंपनी इसके साथ एक 5 ग्राम की चम्मच देती है जिसकी मदद से रोज 5 ग्राम क्रेटीन लिया जा सकता है।
क्रेटीन के फायदे?
क्रेटीन शुरू से ही अध्यन का विषय रहा है और सालों की अध्यन में इसके काफी सारे फायदे सामने आये है, क्रेटीन सबसे सस्ता सप्लीमेंट है और उतना ही ज्यादा उपयोगी भी और यही कारण है जिनकी वजह से आप क्रेटीन लेना चाहेंगे।
1.वर्कआउट की तीव्रता बढ़ाने में सहायक,परिणाम स्वरूप मांसपेशियों में तेज गति से वृद्धि होती है।
2.क्रेटीन मांसपेशियों में पानी थाम कर रखता है जिससे वह बड़े हो जाते है और उनके बड़े लगने से एक मानसिक संतुष्टि और मिलती है। जिससे आप जिम और वर्कआउट में नियमित रहते है।
3.अध्यन में पाया गया है की यह वर्कआउट के बाद रिकवरी में भी मदद करता है।
4.अप्रत्यक्ष तरीके से क्रेटीन वजन कम में भी मदद करता है, क्योकि इसकी वजह से आप ज्यादा पानी पीते है और ज्यादा मेहनत बिना थके कर पाते है तो परिणाम स्वरुप आप अधिक वजन कम कर लेते है।
5.क्रेटीन आपको और अधिक सहनशील बना देता है, यह आपकी एरोबिक कैपेसिटी को भी बेहतर करता है।
क्रेटीन कैसे ले?
क्रेटीन लेने के कई तरीके हो सकते है यह तरल और पाउडर दोनों ही रूप में आता है। क्रेटीन पाउडर कम घुलनशील होता है तो उसको पानी, दूध,जूस में अच्छी तरह मिला कर ले सकते है। अगर आप पहली बार क्रेटीन ले रहे है और उसका प्रभाव जल्दी देखना चाहते है तो आपको शुरुआत के दिनों में अधिक मात्रा में क्रेटीन लेना होगा क्योकि इसे खून के जरिये मांशपेशियो तक पहुचने में समय लगता है। ये शुरुआत के दिन लोडिंग फेज कहलाते है। लोडिंग फेज के बाद आता है मेंटेनेंस फेज जिसमे रोज 2-5 ग्राम क्रेटीन लेना चाहिए और पुरे दिन खूब पानी पीना चाहिए। ये लोडिंग फेज तीन तरह के हो सकते है आप कौनसा लोडिंग फेज चुनते है पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करेगा, यह तीनो लोडिंग फेज है।
क्रेटीन कब लेना चाहिए?
वैसे तो क्रेटीन पुरे दिन में कभी भी लिया जा सकता है पर कुछ का मानना होता है इसको वर्कआउट से पहले लेना चाहिए और कुछ का मानना है इसको वर्कआउट के बाद लेना चाहिए और कुछ का मानना होता है की इसको वर्कआउट के दौरान लेना चाहिए परन्तु वर्कआउट के बाद लेना सबसे ज्यादा सही होता है क्योकि उस समय शरीर पौषक तत्वों का अवशोषण अच्छी तरह करता है और जो क्रेटीन फॉस्फेट में आयी कमी को भी दूर कर देता है।
क्रेटीन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?
1.पुरे दिन में जितना ज्यादा पानी पिया जाये अच्छा है पर कम से कम 3 लीटर पानी तो रोज पीना ही चाहिए।
2.जिनको किडनी, मधुमेह या दिल से जुडी बीमारी हो उन्हें क्रेटीन नहीं लेना चाहिए।
3.अगर किसी कारणवश क्रेटीन की खुराक भुल जाये तो तो अगली बार ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
4.तीन महीने तक लगातार क्रेटीन लेने के बाद एक महीने का अन्तराल करना चाहिए उसके बाद फिर से इसे शुरू किया जा सकता है।
5.लम्बे समय तक रोज अधिक मात्रा में क्रेटीन लेने से किडनी को नुकसान भी पहुँच सकता है इसलिए इसे तय मात्रा में ही लेना चाहिए।
जानिए क्रेटिन के बारे में
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