गेनिंग यानि की बॉडी बिल्डिंग का स्तर बढ़ाने के लिए अपना वजन 10 से 15 किलो बढ़ाना और बाद में वापिस अपने पुराने वजन तक कम करना।
ये क्रम बहुत प्रचलित है। और कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने वाले बॉडी बिल्डर ऑफ़ सीजन में खूब महँगी ज्यादा खुराक , स्टेक्स सप्लीमेंट , हॉर्मोन्स, दवाईया आदि ले कर अपनी बॉडी को फुला लेते है। इस बड़े हुए वजन में 60 % फैट्स 40 % मांसपेशिया बढ़ती है।और शरीर भठूरे की तरह फूल जाता है। मसल क्लैरिटी नज़र नहीं आती। बॉडी फैट 4 -5% बड़ जाती है। वजन बढ़ने के साथ साथ ताकत भी बढ़ जाती है और हर सेट में जयादा वजन उठाया जा सकता है।
कॉम्पिटिशन से 3 महिने पहले गैनिंग किए हुए बॉडीबिल्डर वापिस कट्टिंग्ग् के चक्कर में मजदूरो की तरह मेहनत और लाइट ट्रैनिंग शुरू कर देते है। 2 से 3 घण्टे का व्ययाम बहुत ज्यादा सेट्स ओर ज्यादा रेप्स दिन में दो बार किया जाता है और साथ में लंबी कार्डियो ट्रेनिंग की जाती है। इस के साथ खुराक में कार्बो और फैट्स कम करके प्रोटीन बड़ा दी जाती है । इन सब के ऊपर फिर खतरनाक सिट्रोइड्स और थर्मोजनिक प्रोडक्ट्स तथा महंगे सप्लीमेंट्स खाए जाते है।
ये सब करने के बाद वजन, मजदूरो की तरह मेहनत करने से ओर अकारण खाने से , कम हो जाता है। और ताकत और साइज़ कम हो जाता है हा तक़रीबन 3 तो 4 % फैट कम हो जाती हे शारीर थोडा मुस्कुलर नज़र आता है। ऐसा करने से, अगर 10 किलो वजन कम होता है, तो ये पक्का है , उसमे 6 किलो मसलस और 4 किलो फैट कम होती है। और व्यक्ति की बॉडी वैसी हो जाती है जैसी पिछले वर्ष थी। परंतु पहले से कोई जयादा फायदा नहीं होता।
इस का तातप्रिय ये निकला की इतने पैसे की खुराक व् सप्लीमेंट खाकर बेकार कर दिया गया और अकारण ही बढ़ाया गया वजन फिर मजदूरी करके और भूखे रह कर घटाया गया और मिला क्या? कुछ भी नहीं। शारीर सालो साल वेसा ही रहता है । थोड़ी बहुत इम्प्रूवमेंट दिखती है।
अगर आपको पहले से अच्छे होना है तो हर समय अपने आप को धीरे धीरे साइज़ में बड़े और ज्यादा मस्कुलर करते जाये न की ज्यादा भारी करे।और बिना कारण अपना समय व् पैसा गैनिंग पर बर्बाद ना करे
बॉडीबिल्डिंग इस् नॉट टू बी बिग एंड हेवी, बट्ट इट इस् टू बी लाईटर , बिग्गर एंड मस्कुलर।
डॉ रणधीर हस्तीर