मीट और मसल !!!

Eat big to get big!!!

यह एक अत्ति उपुक्त धारणा है की ईट मीट एंड बीट दी वर्ल्ड। परंतु इस में ज्यादा सच्चाई नहीं है।कियो क़ि अगर हम दुनिया के सभी जानवरो पर नज़र डाले तो पाए गए की बड़े से बड़े तथा ताकतवर जानवर शाकाहारी है ,चाहे वे हाथी हो या गैंडा या घोड़ा हो या भैंसा। ये सभी शाकाहारी है। ये सब जीव आकार में बड़े, ज्यादा मसल मॉस वाले तथा ताकतवर होते है। और दूसरी तरफ जयादा मांस खाने वाले लड़ाके और तेज़ तो हो सकते है परंतू आकर में जयादा बड़े नहीं होते। मांसाहारी जानवर चुस्त व् तेज होते है।

इसी प्रकार अगर एक जैसी ब्रीड के लोग यानि की इंडियन,चाइनीज , अंग्रेज , अफ्रिकन या योरुपइन आपने आप में आकर में बड़े या छोटे किसी खास खुराक या नानवेज की वजह से नहीं होते बल्कि उनके सदियो से चले आ रहे जीन और ब्रीड की वजह से होते है। कोई खास खुराक किसी भी ब्रीड को जरूरत से जयादा खाने पर दूसरी ब्रीड में तबदील नहीं कर सकती। जिस प्रकार पमेरिअन नस्ल के कुत्तो को जैसी भी ओर जितनी मर्जी वेज या नॉनवेज खुराक देदी जाए वह बुल्ल डॉग नहीं बन सकते।उसी प्रकार किसी भी प्रकार की नस्ल के लोग जररूत से जयादा मॉस खाने से या शाकाहार् खाने से आकार में बड़े या छोटे नहीं ही सकते।

अगर हम इंडियन ओसियन के लोगो को देखे जिनमे हिन्दू ,बोध, जैन ,सिख या मुस्लिम रहते है और उनमे जाया तर लोग वेज है और अगर नॉनवेज है भी तो नॉनवेज तो मुश्किल से सप्ताह में 3 या 4 बार नॉनवेज लेते है। हा मुस्लिम लोग हो सकता है दिन में 3 या 4 बार लेते हो।परंतु क्या ज्यादा मांस खाने वाले भारतीय मुस्लिम या नार्थ ईस्ट इंडियन आकर या ताकत में ज्यादा तगड़े होते है ? जवाब है नहीं। जबकि आकर व् ताकत में, कभी मांस खाने या न खाने वाले पंजाबी, हरयाणवी या मराठी जयादा आगे होते है और भारतीय पॉवर स्पोर्ट्स में चाहे व् कुश्ती हो या बॉक्सइंग या वेटलिफ्टग या पॉवर खेलो आदि में अवल है। इसी प्रकार पूरी तरह से शाकाहारी राजस्थानी या हरयाणवी लंबे कद के होते है औए वॉलीबाल या बास्केटबॉल जैसे खेलों में अवल होते है।

मै ये आर्टिकल वेज डाइट या नॉनवेज डाइट को प्रमोट या डिमोट करने के लिए नहीं लिख रहा बल्कि ये बताने के लिए लिख रहा हु की शाकाहारी खुराक भी जीव को प्रोटीन कर्बोस फाइबर फैट दे सकते है और वह लोग भी अपने आप को मजबूत और बड़े कर सकते है। और इसलये मांसाहारी लोगो को अपनी खुराक में शाका चीजे डालने से ज्यादा फ़ायदा होगा। मीट न खाने वाले आपने आप में हीन महसूस ना करे और मांस खाने वाले अपनी खुराक में अपने आप को अवल न गिने। इंडिया का सबसे बड़ा बॉडीबिल्डर वरिंदर घुमन वेज है और हरयाणा के ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान सुशिल कुमार और कई बॉक्सर भी वेज है। मीट खाए या वेज खाय कोई ज्यादा फर्क नहीं क्यों की कोई भी शारीरक आकर छोटा या बड़ा हमारे कुदरती और पुरखो से सदीओ और पीडी दर पीडी चली आरही शारीरिक क्षमताओ के दायरे में रह कर ही ठीक खुराक तथा उपयक्त मेहनत से अच्छा हो सकता है। डॉ रणधीर हस्तिर

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