क्यों नही होनी चाहिए प्रोटीन की कमी?

क्यों नही होनी चाहिए प्रोटीन की कमी?

प्रोटीन सेहत के लिए बेहद जरूरी है, ये तो हम सभी जानते हैं| प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर का निर्माण करना और उसकी मरम्मत करना होता है। हमारी आवश्यकता की कुल कैलोरी 20-35 प्रतिशत प्रोटीन से आनी चाहिए। हालांकि प्रतिदिन कितनी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जाए, यह उम्र, भार और आपके वर्कआउट रुटीन पर निर्भर करता है। एक ग्राम प्रोटीन में चार कैलोरी होती हैं। प्रोटीन शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में सबसे महत्वपूर्ण है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं, ऊतकों की मरम्मत होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को शक्तिशाली बनाता है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है। प्रोटीन को हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी मैक्रोन्युट्रिएंट्स में से एक माना जाता है।मानव शरीर का 16 प्रतिशत प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे बालों, त्वचा, नाखूनों, मांसपेशियों, हड्डियों और रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। हमारे शरीर में पाए जाने वाले कई ऐसे रसायनों में भी प्रोटीन पाया जाता है, जिनमें हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम भी शामिल हैं। प्रोटीन की कमी होने पर आपको सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है|

शरीर में प्रोटीन की कमी के लक्षण प्रोटीन की कमी से ग्रसित व्यक्तियों में बार-बार भूख लगना, पतले बाल व नाखूनों का नाजुक होना जैसे लक्षण होते हैं। मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है और भ्रम, चिड़चिड़ापन व अवसाद जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। पूरा प्रोटीन ना होने के कारण संक्रमणों के खिलाफ प्रतिरोध में कमी, घाव भरने में देरी और बीमारियों से ठीक होने मे देरी हो सकती है। आहार में पर्याप्त प्रोटीन्स के बिना एंटीबाॅडीज़ का निमार्ण नहीं हो पाता और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। प्रोटीन की कमी के कारण पर्याप्त मात्रा में एंजाइम्स भी नहीं बन पाते जो पाचन को प्रभावित करता है और शरीर द्वारा पोशक तत्वों के उपयोग करने की क्षमता को बाधित करता है। प्रोटीन की कमी से होते हैं यह नुकसान

जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द प्रोटीन की कमी से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। सिनोविअल फ्लूइड प्रोटीन से बना होता है और यह जोड़ों में मौजूद होता है जोड़ों लचीला बनता है साथ ही मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से फ्लूइड कम बनता है जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है।

कम ऊर्जा और थकान प्रोटीन की कमी से रक्त में शर्करा का स्तर कम होता है, जिससे शारीरिक कमजोरी महसूस होने के साथ ही थकावट जैसी परेशानियां पैदा होती है। ब्लड शुगर लेवल कम होने से मूड स्विंग्स की परेशानी होती है। हम जल्दी नाराज़ होने लगते हैं और मानसिक तनाव महसूस करते हैं। हमारा शरीर शारीरिक और मानसिक तनाव को झेल नहीं पता है जिसकी वजह से हमारी एकाग्रता में कमी आती है।

जल्दी बीमार पड़ना आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं और शारीरिक दर्द की समस्या से गुजर रहे हैं, तो इसका कारण भी प्रोटीन की कमी हो सकती है, क्योंकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने का एक बड़ा कारण यह भी है।

दिमाग कमज़ोर हो जाना मस्तिष्क के न्यूरॉन्स, न्यूरोट्रांसमीटर और अन्य रासायनिक रिसेप्टर्स भी प्रोटीन से बने होते हैं इसीलिए प्रोटीन की कमी से दिमाग धीरे काम करता है। जब हम प्रोटीन खाते हैं तो हमारा मस्तिष्क डोपामाइन का कैमिकल बनता है जो मानसिक एकाग्रता को बढ़ता है।

वजन बढ़ना प्रोटीन हमारे शरीर में भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोंस को कंट्रोल करता है। इसकी कमी से भूख ज्यादा लगती है और वजन भी बढ़ता है।

नींद ना आना शरीर में प्रोटीन की कमी से हमे सोने में तकलीफ़ होती है, और अक्सर रात में भी नींद टूट जाती है। यह इसलिए होता है क्यों कि हमारा शरीर शुगर और कार्बोहाइड्रेट मांगता है जिससे दिमाग आराम नहीं कर पता है।

बालों और स्किन की समस्या बालों का झड़ना, पतले बाल, स्किन का निकलना और नाखूनों का कमजोर होना बॉडी में प्रोटीन की कमी से हो सकता है।

डिप्रेशन , चिन्ता प्रोटीन से एमिनो एसिड बनते है। एमिनो एसिड से कई महत्त्वपूर्ण तत्व का निर्माण होता है जिसमे न्यूरो ट्रांसमीटर भी शामिल है। ये न्यूरोट्रांसमीटर दिमाग के लिए तथा तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक होते है जो मनस्थिति को भी प्रभावित करते है। यदि आपको उचित मात्रा मेंप्रोटीन नहीं मिलते तो मन को खुश रखने वाले तत्व जैसे सेरोटोनिन की कमी हो जाती है जिसके कारण डिप्रेशन , दुखी मन , चिंता आदि हावी हो जाते है।

चोट सामान्य से अधिक समय में ठीक होना जब चोट लगती है तो शरीर को नए टिशू बनाने के लिए अधिक मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यदि घाव के भरने में सामान्य से अधिक समय लगता महसूस होता हो तो यह प्रोटीन की कमी दर्शाता है।

प्रोटीन की कमी से मसूड़ों की परेशानी मसूडों की बीमारी इन्फेक्शन के कारण होती है। ऐसा इंफेक्शन दांतों के नीचे हड्डियों तक फैल जाता है। प्रोटीन की कमी से पेरियोडोन्टाइटिस नामक मसूड़ों की एक बीमारी होती है, जिसमें मसूड़ों से खून निकलता है और दांतों के आसपास की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं प्रोटीन की कमी कैसे दूर करें भोजन में अधिक प्रोटीन वाली चीजें शामिल करें। दूध , पनीर , दही , अंडे , दाल , राजमा , सोयाबीन , मसूर, फलियाँ , बादाम , पिस्ता काजू आदि मेवे , मूंगफली , गेहूँ ,मक्का आदि साबुत अनाज , सब्जी आदि पर्याप्त मात्रा में अपने भोजन में शामिल करें।

प्रोटीन सप्लीमेंट्स प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन न करने से शरीर में प्रोटीन की कमी रह जाती है जिसकी पूर्ती के लिए बाजार में प्रोटीन सप्लीमेंट्स भी मौजूद है | अगर आप ओरिजिनल और अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन सप्लीमेंट्स का प्रयोग करते है तो निश्चित तौर पर आपको लाभ होगा |

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