कार्डिओ अपने आप में वो व्यायाम की गतिविधि है जिसमे हम अपने शरीर की ऊर्जा प्रयुक्त करते हुए शरीर में पड़ी हुई फालतू चर्बी घटा सकते हैं और साथ-साथ अपने शरीर को एक ऐसी बनावट दे सकते हैं जिसमे हमारे शरीर की मांसपेशियां अच्छी तरह नजर आये और शरीर के उन हिस्सों से फैट कम हो जाए जहां पर फैट कम होने से शरीर बढ़ेगा लगता है | जब हम कार्डिओ शरीर के लगातार गतिविधि में रहना और लो इंटेंसिटी कार्यशीलता से आप के दिल की धढ़कन व् सांस लेने की क्रिया अपने औसत क्रिया से ५० से लेकर १०० प्रतिशत बढ़ोत्तरी के करने से लाभ मिलता है . यह क्रिया अगर हम ३० से लेकर ६० मिनट तक लगातार करते हैं तो कार्डिओ से लाभ मिलता है . ऐसी गतिविधिओं में लगातार जॉगिंग, ट्रेडमिल, साइकलिंग, स्विमिंग, डांस, बॉल खेल या फिर सर्किट वेट ट्रेनिंग आती है जिन्हे हम अपनी ताकत के ५० प्रतिशत जोर से लगातार २० मिनट से एक घंटा करते हैं. ऐसा करने से काफी समय लगता है और हम अपने आप में धीरे धीरे स्टैमिना या एन्डोरेंस बढ़ाते हुए करते रहते हैं. परन्तु आज के इस युग में समय की ज्यादा आवशयकता है. जिसे हम कम से कम बर्बाद कर सकते हैं.
जब हम एरोबिक्स या कार्डिओ करते हैं और उसका स्तर ऊँचा रखते हुए एक से दो मिनट तक करते हैं उसके बाद बिना रूकावट ३ से ४ मिनट काम ताकत से व् काम स्तर से कार्डिओ जारी रखते जिससे हमारी मांसपेशियां थोड़े समय में मजबूत होती हैं और हमारे शरीर में पड़ी फालतू चर्बी धीरे धीरे कम होती है. वैज्ञानिक तौर पर अगर हम एक से दो मिनट तक इतने जोर से या ताकत से वयायाम करें और आपके दिल की धढ़कन नार्मल धढ़कन से दोगुनी के आस पास चली जाए और फिर बिना रूकावट वही क्रिया कम जोर लगते हुए धीरे धीरे ३ से ४ मिनट करें ताकि आपके दिल की धड़कन के २५ प्रतिशत ज्यादा तक नीचे आ जाये तो आपको वो दोनों परिंणाम जो आप ऐनाबोलिक ट्रेनिंग से लेना चाहते हैं वो आपको इस एनाबोलिक कार्डिओ से मिल जायेंगे.
ऐनाबोलिक कार्डिओ एक ऐसा कार्डिओ सैशन है जिसमे हम कम समय में अपने शरीर की ज्यादा से ज्यादा फालतू चर्बी को एरोबिक्स गतिविधि द्वारा घटा सकते हैं और साथ-साथ अपनी मांसपेशियों को आकार में छोटा होने से बचा सकते हैं. एनाबोलिक कार्डिओ अगर हम साईकिल या ट्रेडमिल पर करते हैं तो हमें एक से डेढ़ मिनट तक पूरे जोर से व् पूरी स्पीड से गतिविधि धीरे कर लें ताकि आपके दिल की धड़कन १०० से १०५ तक नीचे आ जाए और जैसे ही यह स्तर मिल जाता है फिर १ से २ मिनट तक के लिए फिर दोबारा पूरे जोर से व्ययाम करें ताकि फिर दिल की धड़कन १५० से १६० तक पहुँच जाए और फिर एक से दो मिनट बाद धीरे-धीरे व्ययाम धीमा कर लें और वापिस दिल की धड़कन १०० – १५० के आसपास पहुँच जाए और इस प्रकार ३ मस ५ क्रियामिक साइकलिक व्ययाम करें.
जब हम एक से दो मिनट तक के लिए पूरी ताकत से वयायाम करते हैं तो हमें एनाबोलिक असर मिलते हुए मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जब हम धीरे-धीरे कार्डिओ फेज की तरफ जाते हैं तो हमारे शरीर में फालतू पड़ी हुई चर्बी काम में आती है और हमें ज्यादा से ज्यादा मजबूत व् लीन करती है. इसी प्रकार हम जिम मैं सर्कट वेट ट्रेनिंग भी कर सकते हैं. जिसमे हमें एनाबोलिक कार्डिओ वाला असर मिल जाता है. परन्तु यह सही है जब भी हम जरुरत से ज्यादा कार्डिओ करते हैं तो हमारी मांसपेशियां ज्यादा आकार में बड़ी नहीं होतीं परन्तु चमड़ी के नीचे पड़ी हुई फैट घटने से ज्यादा लीन व कट अप नज़र आती है i
अगर हम सारा साल सप्ताह में २ बार कार्डिओ व्ययाम और साथ-साथ हैवी वेट-ट्रेनिंग करते जाएँ तो हमारी मांसपेशियां लगातार मजबूत होती जाएँगी और साथ-साथ हमारे शरीर की फालतू चर्बी कम होती जाएगी.
Importance of Cardio Training and Why it’s Essential
Cardiovascular training, also known as aerobic training, is any form of exercise that elevates the heart rate due to the repeated contraction of muscles while utilizing the aerobic and even, at times, the anaerobic energy system. In other terms, cardio training is any...
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